हरियाणा

haryana : चुनाव में बेटे की हार के सदमे से चली गई पिता की जान

सत्य खबर, पानीपत ।
हरियाणा बसपा के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं पानीपत राजपूत सभा के अध्यक्ष नरेंद्र राणा का शनिवार को निधन हो गया। उनके बेटे गोपाल राणा ने बसपा-इनेलो की टिकट पर असंध विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था। जिसमें वह हार गए थे। इसके बाद नरेंद्र राणा को चंडीगढ़ के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

हरियाणा चुनाव प्रचार के दौरान वह अपने बेटे गोपाल राणा के समर्थन में वोट की अपील करते नजर आए थे। उनकी हालत में थोड़ा सुधार हुआ था, लेकिन चुनाव के बाद उन्हें फिर से अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था। बता दें कि नरेंद्र राणा कई महीनों से बीमार थे। चुनाव हारने के बाद गोपाल राणा ने सोशल मीडिया पर लिखा- अगर मैं चुनाव जीत जाता तो शायद आज मेरे पिता ठीक होते।

उनका अंतिम संस्कार आज सुबह 9 बजे उनके पैतृक गांव ददलाना में किया जाएगा। उनके निधन पर राजनीतिक, धार्मिक और सामाजिक संगठनों के साथ-साथ उनके चाहने वालों ने गहरा दुख जताया है।

नरेंद्र राणा के सबसे करीबी रहे वरिष्ठ कांग्रेस नेता नैनपाल राणा ने उनके निधन पर कहा कि नरेंद्र राणा के निधन से मुझे गहरा दुख पहुंचा है। नरेंद्र राणा बहुत मेहनती थे और समाज सेवा में हमेशा आगे रहते थे। नरेंद्र 2005 में ददलाना गांव के सरपंच बने थे।

उनके कार्यकाल में गांव में स्टेडियम, सीएचसी, पशु अस्पताल, बिजली घर, वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, सड़कें, गलियां और नालियां बनवाई गईं। वे 2009 में कांग्रेस में सक्रिय कार्यकर्ता थे। वे रिफाइनरी में ठेकेदार थे। उन्होंने रिफाइनरी में हजारों युवाओं को रोजगार भी दिलाया।

नरेंद्र राणा कांग्रेस के बाद वह कुछ दिन हजका में रहे और 2019 में बसपा में शामिल होकर असंध से टिकट पर चुनाव लड़ा और 1703 वोटों से हार गए। वह हमेशा सामाजिक कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते रहे हैं। नरेंद्र राणा मायावती के करीबी रहे हैं। उनके दो बेटे एडवोकेट गोपाल और इंजीनियर नीरज हैं। नरेंद्र की एक बेटी भी है, सभी बच्चों की शादी हो चुकी है। नरेंद्र पांच भाइयों में सबसे बड़े थे। नरेंद्र राणा ने सभी 36 बिरादरियों को साथ लेकर काम किया। उन्होंने नेता के तौर पर नहीं बल्कि भाई और बेटे के तौर पर काम किया।

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